


भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला रविवार को स्वदेश लौट रहे हैं। इस साल जून में वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने। शुभांशु 18 दिन के मिशन के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे और तब से वे अमेरिका में पोस्ट-मिशन पुनर्वास कार्यक्रम से गुजर रहे थे। आज शनिवार को भारत लौटने से पहले उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक भावुक संदेश साझा किया।
उन्होंने लिखा कि विमान में बैठते समय उनके दिल में कई तरह की भावनाएं थीं। एक ओर उन अजीज साथियों से दूर होने की उदासी थी, जो इस मिशन के दौरान एक साल तक परिवार जैसे रहे, वहीं दूसरी ओर अपने घर लौटने और परिवार से मिलने की उत्सुकता भी थी। उन्होंने लिखा, “शायद यही जीवन है सब कुछ एक साथ।”
शुक्ला ने कहा कि वे भारत लौटकर अपने अनुभव साझा करने के लिए उत्साहित हैं क्योंकि ये अनुभव आने वाले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’, जो 2027 में प्रस्तावित है, के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे। आईएसएस मिशन के दौरान उन्होंने इसरो के नेतृत्व में कई अहम प्रयोग किए। अंतरिक्ष में बिताए समय को याद करते हुए उन्होंने अपने कमांडर और नासा की अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन की बात दोहराई “अंतरिक्ष यात्रा में केवल एक चीज स्थायी है, और वह है बदलाव।” उन्होंने फिल्म ‘स्वदेस’ की पंक्तियां भी उद्धृत कीं “यूं ही चला चल राही जीवन गाड़ी है, समय पहिया,” और कहा कि ये धरती पर भी लागू होती है।
वहीं लखनऊ में उनके परिवार का उत्साह चरम पर है। उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा “हम बहुत खुश हैं कि मेरा बेटा वापस आ रहा है। हम उसे दिल्ली में मिलेंगे।” केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुक्ला सबसे पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे, उसके बाद लखनऊ जाएंगे और अपने परिवार से मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में उनकी उपलब्धि की सराहना की और कहा कि शुक्ला ने “एक अरब सपनों को प्रेरित किया है” और भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को नई उड़ान दी है।